Monday 26 October 2015

"बुध्द का मध्य मार्ग"

बुद्ध  के  मध्य  मार्ग में
 न दोस्त है और
न ही  दुश्मन
केवल  करुणा है

अति प्रेम में दोस्त मिलता है
 और घृणा की अति में दुश्मन

 प्रेम की अति में दोस्ती का उत्साह
घृणा की अति में दुश्मनी की जलन

मध्य न दोस्त का
न दुशमन का

वहां तो सिर्फ करुणा
का पुष्प  खिला है
जो बुद्ध ने महाकश्यप को
दिया था 

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