Saturday 15 July 2023

झूठ

 हर आंख में उम्मीद देखी

 सपने देखे दिल में चाहत देखी

 मन में बेचैनी देखी दुनिया जीत लेने का झूठा सपना देखा

 झूठा होश देखा क्यों है 

यह सब किसलिये है 

क्यों माया के पीछे भागता मनुष्य परेशान है

 आनंद दंड हो गया दुख जीवन हो गया

जहां से तू आया है।

 कहीं प्यार नहीं 

कहीं करुणा नहीं

 फिर क्यों रोता है

 जा युद्ध कर

 युद्ध  भूमि में फेंका गया है तू

 कोई नहीं अपना तेरा 

जहां से आया है 

वहीं था अपना 

यहां इनमें नहीं मिलेगा 

इनमें मत ढूंढ कोई सहारा 

युद्ध कर

नीडर हो और मुस्कुराते हुए चल

 यही युद्ध है तेरा 

यही नीति है उसकी 

जहां से तू आया हैं

तेरा अपना था वह

 जहां से तू आया है

Friday 14 July 2023

न जाने क्यों?

 मरने से पहले

 पहन लो रंग-बिरंगे वस्त्र

 खालो लाजवाब पकवान

 घूम लो फिर लो 

मौज कर लो।

 लेकिन कुछ न जाने  क्यों 

 रंग-बिरंगे वस्त्र त्याग देते हैं 

उपवास में आनंदित होते हैं

 एक ही जगह रुक जाते हैं

 फिर भी सबसे ज्यादा मौज में रहते हैं।