जीवन एक राह है, जिस पर हमें आनंद से चलना है |जो निरंतर बदल रहा है क्या हम उसे देख पा रहे है वो होश कहां है, वो शान्ति कहां है, वो सौन्दर्य कहां है जिसे हम खोज रहे है |भीतर की अकुशलता,भीतर का भय,भीतर की चिंता,भीतर का लालच हमारी बाहर की जिंदगी को प्रभावित करता है,अकुशलता बाहर नहीं भीतर होती है|भीतर की शांति हमे पारस पत्थर देती उसे हम जिसे भी छुआ दे वह सोना हो जाता है|-MANOJ PARMAR SIR
Monday, 18 December 2023
खिलौने
Wednesday, 1 November 2023
मुस्कान
करिश्माई मुस्कान
Saturday, 15 July 2023
झूठ
हर आंख में उम्मीद देखी
सपने देखे दिल में चाहत देखी
मन में बेचैनी देखी दुनिया जीत लेने का झूठा सपना देखा
झूठा होश देखा क्यों है
यह सब किसलिये है
क्यों माया के पीछे भागता मनुष्य परेशान है
आनंद दंड हो गया दुख जीवन हो गया
जहां से तू आया है।
कहीं प्यार नहीं
कहीं करुणा नहीं
फिर क्यों रोता है
जा युद्ध कर
युद्ध भूमि में फेंका गया है तू
कोई नहीं अपना तेरा
जहां से आया है
वहीं था अपना
यहां इनमें नहीं मिलेगा
इनमें मत ढूंढ कोई सहारा
युद्ध कर
नीडर हो और मुस्कुराते हुए चल
यही युद्ध है तेरा
यही नीति है उसकी
जहां से तू आया हैं
तेरा अपना था वह
जहां से तू आया है।
Friday, 14 July 2023
न जाने क्यों?
मरने से पहले
पहन लो रंग-बिरंगे वस्त्र
खालो लाजवाब पकवान
घूम लो फिर लो
मौज कर लो।
लेकिन कुछ न जाने क्यों
कुछ लोग
रंग-बिरंगे वस्त्र त्याग देते हैं
उपवास में आनंदित होते हैं
एक ही जगह रुक जाते हैं
फिर भी सबसे ज्यादा मौज में रहते हैं।