Wednesday 16 October 2024

 रंगों के धागों में, जतन से बुना,

एक टेपेस्ट्री सामने आती है, एक दुर्लभ कहानी।

हर कतरा एक कहानी, हर रंग एक सपना,

जीवन के इस ताने-बाने में, एक जीवंत रचना।


भोर की पहली किरण के रेशमी धागों से,

गोधूलि की संध्या के लिए,

 नरम और उज्ज्वल 

 बुनकर का हाथ, 

धैर्यवान अनुग्रह के साथ,

समय और स्थान में बुने गए शिल्प क्षण।


हंसी के दृश्य, आंसुओं के क्षण,

गुजरते वर्षों के दौरान पैटर्न उभर कर सामने आते हैं।

हर सिलाई के साथ एक याद जुड़ती है,

दिल और दिमाग की इस टेपेस्ट्री में.


करघे के पार, जहां पैटर्न बहते हैं,

ख़ुशी के धागे और दुःख के धागे।

ताकत और सुंदरता, आपस में गुंथे हुए,

इस टेपेस्ट्री में जीवन परिभाषित है।


तो इस कृति को देखकर आश्चर्यचकित हो जाइए, साहसी और सुंदर दोनों,

कहानियों का एक कैनवास,

हर बुनाई में, हर तह में,

जीवन की एक टेपेस्ट्री, 

आत्मा की अभिव्यक्ति।


रेवा सोसायटी के समस्त रचनाकारों को समर्पित। 🙏🙏🪷🪷✨✨



Thursday 11 July 2024

टेपेस्ट्री

 रंगों के धागों में, जतन से बुना,

एक टेपेस्ट्री सामने आती है, एक दुर्लभ कहानी।

हर कतरा एक कहानी, हर रंग एक सपना,

जीवन के इस ताने-बाने में, एक जीवंत रचना।


भोर की पहली किरण के रेशमी धागों से,

गोधूलि की संध्या के लिए,

 नरम और उज्ज्वल 

 राखी का हाथ, 

धैर्यवान अनुग्रह के साथ,

समय और स्थान में बुने गए शिल्प क्षण।


हंसी के दृश्य, आंसुओं के क्षण,

गुजरते वर्षों के दौरान पैटर्न उभर कर सामने आते हैं।

हर सिलाई के साथ एक याद जुड़ती है,

दिल और दिमाग की इस टेपेस्ट्री में.


करघे के पार, जहां पैटर्न बहते हैं,

ख़ुशी के धागे और दुःख के धागे।

ताकत और सुंदरता, आपस में गुंथे हुए,

इस टेपेस्ट्री में जीवन परिभाषित है।


तो इस कृति को देखकर आश्चर्यचकित हो जाइए, साहसी और सुंदर दोनों,

कहानियों का एक कैनवास,

हर बुनाई में, हर तह में,

जीवन की एक टेपेस्ट्री, 

आत्मा की अभिव्यक्ति।



हमें होश चाहिए!!!!

 हमें होश चाहिए!!!!


पर हम बेहोशी से बाहर नहीं आना चाहते


 बेहोशी की पीड़ा !!!!!


 हमारे लिए सुख का छद्म वेश धारण कर लेती है।


 हम शुतुरमुर्ग की तरह अपने  गर्दन छुपाए रहना चाहते हैं ।


हम वास्तविकता से दूर रहना चाहते हैं।


 जैसे होश मिला तो वह सारे  सुख लुप्त हो जाएंगे जो हमें( जीवन घातक होते हुए भी) सुख दे रहे थे।

Monday 18 December 2023

खिलौने

हमने खिलौनों की एक अद्भुत दुनिया बनाई है और हम उनसे खेलते रहते हैं। 

हमारी सफलता खिलौने इकट्ठा करने में है। 

कुछ लोग अपने खिलौने बाँटते हैं और खुशियाँ बाँटते हैं। 
 कुछ लोग दूसरों के खिलौने तोड़ देते हैं और खुश हो जाते हैं। 

 कुछ लोग दूसरों को खिलौने देते हैं और खुश होते हैं। 

 कुछ लोग दूसरों के खिलौने चुराकर खुश होते हैं, कुछ लोग खिलौनों का आविष्कार करते हैं।

 कुछ लोग खिलौनों के बारे में विचार खोजते हैं। कुछ लोग खिलौनों की भीख माँगते हैं। 

 कुछ लोग खिलौने दान करते हैं । 
ये तो खिलौनों की दुनिया है, हम भगवान को भी खिलौना बनाते हैं, उनसे खेलते हैं।

 और अंततः

 हम भगवान के खिलौने हैं और भगवान हमारे साथ खेल रहे हैं।

Wednesday 1 November 2023

मुस्कान

परमात्मा है भोली और प्यारी मुस्कान में 🌹🌹 फरिश्तों के चेहरे से परमात्मा सीधा मुस्कुराता है✨🌹🌹

करिश्माई मुस्कान

कभी-कभी कुछ अनजान लोगों से नजर मिल जाती है और जिंदगी भर का खूबसूरत रिश्ता बन जाता है🙏🌷 फरिश्तों की करिश्माई मुस्कान और अपनापन परमात्मा का तोहफा नहीं तो और क्या है🙏🌷

Saturday 15 July 2023

झूठ

 हर आंख में उम्मीद देखी

 सपने देखे दिल में चाहत देखी

 मन में बेचैनी देखी दुनिया जीत लेने का झूठा सपना देखा

 झूठा होश देखा क्यों है 

यह सब किसलिये है 

क्यों माया के पीछे भागता मनुष्य परेशान है

 आनंद दंड हो गया दुख जीवन हो गया